किस्मत किसी कि अच्छी या बुरी नही होती बस जो इंसान दुसरो कि सिर्फ सफलता देखता है उसके पिछे कि मेहनत नही तो उसे दुसरो कि Kismat अच्छी लगने लगती है और अपनी बुरी। ऐसे ही अगर किसी के साथ कुछ बुरा होता है या किसी काम मे असफलता हाथ लगती है तो वो इंसान अपनी Taqdeer को दोष देने लगता है जो कि गलत है। अगर फिर भी आपको लगता है कि आपकी Qismat Kharab है तो हमने आपके लिये Hindi मे कुछ Kismat Shayari लिखी है जो आपको जरुर पसंद आयेगी।
Kismat Shayari In Hindi
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ज़िन्दगी है कट जाएगी,
किस्मत है,
किसी दिन पलट जाएगी।

अब किस्मत पर कैसा भरोसा जनाब,
जब जान से प्यारे लोग बदल गए,
तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी।
किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।
किस्मत को बेकार बोलने वालों
कभी किसी गरीब के पास बैठकर पूछना जिंदगी क्या है – kismat shayari
मैंने किस्मत पर भरोसा
करना छोड़ दिया था,
पर तुझे पाया तो किस्मत
अच्छी लगने लगी है..!
सारा इलज़ाम अपने सर लेकर,
हमने क़िस्मत को माफ़ कर दिया।

खुद में ही उलझी हुई हैं जो मुझे क्या सुलझायेगीं,
भला हाथों की चंद लकीरें भी क्या किस्मत बताएगीं।
जिनका मिलना नहीं होता किस्मत में,
उनकी यादें कसम से कमाल की होती हैं।
जब किसी से मिलना
क़िस्मत में लिखा होता हैं,
तो अजनबी इंसान भी हमें
अपना लगने लगता हैं।
कभी भी अपनी हाथों की लकीरों से मत उलझना,
मेहनत से किस्मत का लिखा भी जरूर बदलता है। kismat shayari in hindi
“हुनर” सड़कों पर तमाशा करता है,
और “किस्मत” महलों में राज करती है!!
Kharab Kismat Shayari

जिनका मिलना किस्मत में नही
होता, उनसे मोहब्बत कसम से
कमाल की होती है।
बिकने वाले और भी है जाओ जाकर खरीद लो,
हम कीमत से नहीं किस्मत से मिला करते है।
कुछ तो लिखा होगा किस्मत में,
वरना आप हम से यूं ना मिले होते।
क़िस्मत चले न चले पर अगर मेहनत
चलती रही तो मंज़िल मिल ही जाएगी।
किस्मत जाग गयी मैं सोता रहा,
किस्मत भाग गयी मैं रोता रहा।

मैंने छोड़ दिया है किस्मत पर यकीन करना,
अगर लोग बदल सकते है तो किस्मत क्या चीज है।
किस्मतों से मिलती है ज़िन्दगी इसे यूँ ही मत गवाईये,
बेरुखियाँ बेज़ारियाँ जो भी मिले बस अपनाते जाइये।
हाथों की लकीरों पर ज्यादा विश्वास नही करना चाहिए,
तक़दीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नही होते।
पानी में डूब जाओ तो पानी का दोष क्या?
ठोकर लगे गिर जाओ तो पत्थर का दोष क्या?
जिन्दगी में कुछ कर न पाओ तो किस्मत का दोष क्या?
अहंकार में ही इंसान सब कुछ खोता है,
बेवजह किस्मत को दोष देकर रोता है।

तलब ऐसी है कि साँसों में बसा
लूँ तुम्हें,और किस्मत ऐसी है कि
देखने को मोहताज हूँ तुम्हें।
बेकार मत समझना, दुआ की भी पड़ती है जरूरत,
कई बार सिर झुकाने से भी बदलती है किस्मत।
हमारे दिल को हम समझा रहे हैं,
ख़ुशी के बाद दुख भी आ रहे हैं। Bad kismat shayari
उसे किस्मत समजकर गले से लगाया था,
भूल गए थे किस्मत बदलते देर नहीं लगती।
गुजर जाएगा वो लम्हा जो हकीकत में नहीं है,
तेरा होकर वो बिछड़ जाएगा जो किस्मत नहीं है।

प्यार हो तो किस्मत में हो,
वरना दिलों में तो सबके होता हैं।
नसीब के खेल को भी
अजीब तरह से खेला है हमने,
जो ना थे नसीब में
उसी को टूट कर चाह बैठे।
वक्त सिखा देता है इंसान को फ़लसफ़ा ज़िन्दगी का,
फिर तो नसीब क्या.. लकीर क्या.. और तक़दीर क्या।
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