कैसे कह दू इश्क़ नहीं है तुमसे, मेरे लिए इश्क़ का मतलब ही तुम हो!!
दूरियों से ही एहसास होता है की, नज्दिकिया कितनी खास होती हैं ।
वो आँखों ही आँखों में करती है ऐसे बातें, के कानों कान किसी को खबर नही होती।
क्या बताऊं यार तुझको प्यार मेरा कैसा है, चांद सा नही है वो चांद उसके जैसा है।
चुपके चुपके रात दिन आसूं बहाना याद है, हम को अब तक आशिकी का वो जमाना याद है !
तलब ये के तुम मिल जाओ…. हसरत ये के उम्र भर के लिए!!
ये जो मेरे अलावा तुम पर मरते है वो मर क्यों नहीं जाते
दूरियों से ही एहसास होता है की, नज्दिकिया कितनी खास होती हैं।
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा , जितना देखेंगे तुम्हे उतना ही प्यार आएगा ..
जिसे सोच कर ही चहरे पर ख़ुशी आ जाये वो खूबसूरत एहसास हो तुम!!